Page 131 - Reliance Foundation School Koparkhairane - School Magazine - Zenith 2020-21
P. 131
Winds of Change
When I go to bed, and close my eyes at night,
Disappointment strikes,
I'm impaled by hate and fight. बदलाव ह िज़ दगी
I wake up in the dreams, my hopes go estrange, समय क खशी का ठकाना नह ं था। पर बदलाव का डर उनक ख शय पर हण
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I look up at the heavens, to plead for winds of change.
बनकर छा गए। समय उ च अक क साथ अपनी पर ा म उ तीण हआ और एक
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Hovering clouds of doubt reveal a ray of light,
बहत ह ति ठत महा व यालय म जगह बनाने म स म था। अपने सफलता के
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A brighter sun will shine, after the darkest night.
लए सबस बधाई और तार फ़ सनकर वह सातव आसमान पर था। मगर घर
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I shed of despair, to let my thoughts rearrange,
छोड़ना, इन जानी मानी ग लय और इमारत को अल वदा कहना, दो त और
& brace up for the challenge, blow the winds of change.
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प रवार स अलग होना- य सब बदलाव का डर उसक ख शय पर हावी हो गए।
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I wake up in the morning, sun is shining bright,
महा व यालय जाने क बात स उसका दल काँपता था। एक हजार सवाल ने उसक
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My heart is full of zeal; I've focus of a kite.
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दमाग को घर लया और चता पदा कर द । छा ावास म रहने क जगह कस होगा
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I pledge for love and peace, seek nothing in exchange,
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खाना वा द ट होगा या साथ रहने वाल म कस ह ग – साथ पढ़ने वाल म
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That's how I will strive, to sail with winds of change.
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Aditi Mazumder - VII B मदद कर ग या? दो त कस बन ग, ? ा यापक खड़स ह ग या - ऐस हज़ार
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Mayuresh Shinde - VIII C
सवाल स उसक दमाग भरा हआ था। इन सब सोच ने उसक हालत खराब कर
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Abidha Goel - VII B
दया। महा व यालय जाने क समय नकट आत ह वह च तत हो गया और कभी-
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Change in Our Lives कभी ह अपने कमर स बाहर नकलता था। उसक चेहर स ख़शी और म कान दोन
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गायब हो गए। समय का बदलाव दखकर उसक माता - पता काफ च तत हो गए।
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Every plant was once a seed and every storm started with just one
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drop of water falling from the sky. And so, it is with change. उसक थान क एक दन पहल, उसक पता उस टहलने क लए बाहर ल गए। वे
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Throughout my life till now, it seems like when a change happens, it उस उ यान म गए जहाँ वह हमशा जाना पसंद करता था। उसक पता उस एक पड़ क पास ल गए। वह पड़ आकषक और बहत संदर था।
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happens all at once. The wind of change follows its form from the उसक फल लाल और खल हए थे। पड़ क तने पर हर, चौड़ और चमक ल प त उसक आकषण को बढ़ा रह थे। समय क पापा ने पछा, " या
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very beginning. Like first there were horse carts which took people तम जानत हो क यह पड़ कब और य लगाया गया था?"। उस पता नह ं था। "जब तम पदा हए थे तब यह मर वारा लगाया गया था"।
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from one place to another very slowly but now with the invention of
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उसक पता ने एक छोट सी म कान क साथ अपना वाता लाप जार रखा। “म चाहता था क यह पेड़ भी त हारे साथ बढ़े। यह पेड़ भी त हारे
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airplanes we have conquered the sky also. This 'wind of change' is
तरह अ त ह ना”। उ ह ने आग कहा, “ज द ह इन खबसरत फल स छोट - छोट फल नकलग। जब मन े इसे लगाया था तो यह बहत
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there in a human's life every time. It only lies within us. We have to
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try to take the change out from us so that we can live a life. So, from छोटा था। ल कन यह बदलाव स नह ं डरा। अगर डर गया होता तो यह दन कभी दखने को नह ं मलता। इसने बहादर स प रवतन को
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now we should try to take out the wind of change from us so that we वीकार कया और इतने वष तक बा रश, गम और हवाओ को सहन कया। बदलाव को अपनाने क कारण ह यह पड़ खबसरत होने क
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can live a life. साथ - साथ स त और मज़बत भी बना गया।
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Neil Sethia - VI A बदलाव स मँह मत मोड़ो। यह बदलाव त हारे बेहतर िज़ दगी के लए भी हो सकता है। तमको य म मल सकत े ह जो िज़ दगी भर
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Aastha Unjiya - VIII A त हार साथ द। त ह बहतर श क मल सकत ह िजनस तम ान ा त कर सकत हो। य द ऐसा नह ं भी हो, तो भी त ह डरना नह ं
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चा हए और ि थ त का सव तम उपयोग करने का यास करना चा हए। त हार आग एक नया जीवन ह और त ह पराने जीवन म सफ
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छ पती शवाजी महाराज माझ आदश इस लए नह ं रहना चा हए य क तम उस बहतर जानत हो। हर कसी को अपने जीवन म कभी न कभी बदलाव का सामना करना पड़ता ह,
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हम इसका वरोध नह ं करना चा हए। याद रखो, जीवन म प रवतन ह एकमा ि थर है"।
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कत ववान आ ण सवगण संप न असणार छ पती शवाजी महाराज ह माझ एकमव आदश आहत. छ पती शवाजी महाराज ह हदवी
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समय आ खरकार समझ गया क उसक पता या कहना चाह रह थे। उसने अपने अदर आ म व वास महसस कया। उसने पर व वास क
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वरा याचे सं थापक आहत आ ण यांनी रयतसाठ िजवाचे रान व एक आदश वरा याची न मती कल . हमत न हारता पर ि थतीवर
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मात क न वजय मळवण हा तर यांचा हातखंडा आह. महाराजांचा इ तहास हा टश, मघल आ ण च अ या परक यांनीह लहलेला साथ कहा, " पताजी अब म ठ क हो जाऊँ गा और आप सभी के साथ मेरे हर पल का आनंद लँगा। म कल ख़शी - ख़शी अपने महा व यालय
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आह. या परक यांनी महारा यांशी खप लढाया लढ या, पण यांनी यां या लखनात ह महाराजांब ल अपश द ल हला नाह . यातच क लए नकल जाऊगा”। उसक पता म कराए, यह जानकर क आ खरखार उनक योजना काम कर गई थी। अगल दन समय गाड़ी म
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महाराजांचे मोठपण स होत. छ पती शवाजी महाराज ह आप या महारा ाचे 'जाणत राज' हणन ओळखल जातात. महाराजांकड बठकर सबको हाथ हलाकर अल वदा कह रहा था। वह इस नया बदलाव क लए तयार था और जीवन क एक बहत ह रोमांचक ह स क
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शरता¸ ब म ता¸ सहनशीलता¸ क पकता¸ ीदा य¸ राजधमपालन¸ उ तम संघटनाकौश य यासार या असं य गणांची खाण होती . ती ा कर रहा था।
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हणनच आपल छ पती शवाजी महाराज ह प यांन प या या आप या दशातील यकासाठ एक आदश राहतील.
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Nagappan N. - VI C
मा या कडन छ पती शवाजी महाराजांना मानाचा मजरा.
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Varad - VII C
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